सुनों आज कुछ कहने का मन हैं जैसे झरने की तरह बहने का मन हैं समझ नही आता हर लम्हे तुम्हे महसूस करूं या गीत गजलों की तरह गुनगुनाता फिरूं ब...
गुज़ारिश/Guzarish
फुरसत के कुछ पल दे अपने मुझे आ बैठ वक़्त निकालकर किसी शाम मेरे पास कुछ लफ्ज़ ऐसे हैं जो तेरे इंतज़ार में डेरा डाले बैठे हैं लफ़्ज़ों को...
गुज़ारिश/Guzarish
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दिसंबर 19, 2020
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किसान हूं साहब मैं /Kisan hun sahab mai
किसान हूं साहब मैं अपना हक मांगने आया हूं मैं कोई आतंकी नही हूं मैं जो डर रहे हो किसान हूं साहब मैं मैं बड़ी दूर दूर से आया हूं अपनी फरि...
किसान हूं साहब मैं /Kisan hun sahab mai
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दिसंबर 06, 2020
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आबरू का पहरेदार -- AABRU KA PEHREDAR
गहना इज्ज़त का तुम्हारी हमेशा आखों पर रखूंगा पर्दा लिबास का कभी हटने नही दूंगा खुदगर्ज़ नही हूँ मै खुद्दार रहूंगा तुम्हारी आबरू का पहरेदा...
आबरू का पहरेदार -- AABRU KA PEHREDAR
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दिसंबर 01, 2020
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मैं धर्म नही इंसान हूं / mai dharm nhi insan hun
मैं धर्म नही इंसान हूं किसी के घर का जलता हुआ चिराग हूं मत बुझाओ मुझे सियासी नफ़रत के खातिर मैं अपने घर का महकता हुआ गुलदान हूं मैं धर्म न...
मैं धर्म नही इंसान हूं / mai dharm nhi insan hun
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नवंबर 29, 2020
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नींद कहाँ है /Neend khan hai
निकल जाता हैं वो दिन का सवेरा पैसा रात का अँधेरा पैसा कमाने के लिए उसके पास हैं पैसा बंगला गाड़ी इज्ज़त शोहरत लेकिन सुकून कहाँ हैं पूरे...
नींद कहाँ है /Neend khan hai
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नवंबर 29, 2020
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मुझे अब घर जाना हैं /mujhe ab ghar jana hai
मुझे अब घर जाना हैं सांझ ढलने को आई हैं घर से बुलावा आया हैं माँ ने आवाज लगाई हैं थक गया हूं मैं हर रोज़ की भाग दौड़ से गुम हो गया हूं प्रद...
मुझे अब घर जाना हैं /mujhe ab ghar jana hai
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नवंबर 28, 2020
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माज़ी की कहानी /mazi ki khani
कभी हँसता हूं कभी रो पड़ता हूं जब जब मैं अपने माज़ी में झाकता हूं माज़ी की भी अपनी एक कहानी हैं नही मालूम किसको सुनानी हैं क्योंकि यहाँ हर क...
माज़ी की कहानी /mazi ki khani
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नवंबर 25, 2020
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कुछ कहना चाहता हूँ /kuch khana chahta hun
कुछ कहना चाहता हूं आपसे मगर कुछ कह नही पाता इत्तेफ़ाक से क्योंकि लफ्ज़ अभी अधूरे हैं लेकिन जज़्बात पूरे हैं सुन लो ना तुम मेरे दिल की आवाज़...
कुछ कहना चाहता हूँ /kuch khana chahta hun
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नवंबर 15, 2020
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यार बहुत थक गया हूं मैं /Yar bahut thak gya hun me
यार बहुत थक गया हूं मैं हर रोज़ भागते भागते अब सुकून चाहता हूं बस इक इतनी सी आरजू हैं अब जी भर के सोना चाहता हैं ना मंज़िल हैं कोई ना मंजिल...
यार बहुत थक गया हूं मैं /Yar bahut thak gya hun me
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नवंबर 12, 2020
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इक मासूम सी पगली /ek masoom se pagli
लबों से लफ्ज़ ना झड़े मगर आखों मे नमी पनपती हैं दिन भर की खामोशी सहकर बस अंदर ही अंदर ही बरसती हैं इक मासूम सी पगली बात करने के लिए बहुत त...
इक मासूम सी पगली /ek masoom se pagli
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नवंबर 01, 2020
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मैं हूँ ना /MAI HOON NA
समझता हूं तुमसे दूर हूं मगर तुम्हारे दिल के बहुत पास हूं जानता हूं इश्क की राह में रुकावटे अव्वल दर्जे पर हैं मगर तुम बेखौफ होकर चलते रहना ...
मैं हूँ ना /MAI HOON NA
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नवंबर 01, 2020
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आवाज दे देना मुझे (Aawaj de dena mujhe )
जब कभी माज़ी का किस्सा याद आ जाए हो सके अश्क पलकों से छलक जाए ...
आवाज दे देना मुझे (Aawaj de dena mujhe )
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अक्टूबर 19, 2020
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या रब तूने मुझे संभाल रखा हैं (YA rab tune mujhe sambhal rkha hai )
लबों पर तेरा नाम रखा हैं या रब तूने मुझे संभाल रखा हैं शुरू करता हूं तेरा नाम लेकर तूने मुझे हर बला से बचा रखा हैं या रब तूने मुझे संभ...
या रब तूने मुझे संभाल रखा हैं (YA rab tune mujhe sambhal rkha hai )
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अक्टूबर 18, 2020
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मै खुश था /MAI KHUSH THA
मैं खुश था मैंने तुमको चुना था हां वो बात और थी तुमने किसी और को चुना था मानता हूं सिलसिला चाहत का एक तरफा था लेकिन प्यार था मगर इशारों...
मै खुश था /MAI KHUSH THA
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अक्टूबर 16, 2020
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मुझे अच्छा लगता है /mujhe accha lagta he
मुझे अच्छा लगता हैं तुमसे ढेर सारी बाते करते रहना मुझे अच्छा लगता हैं तुम्हारी झुकी हुई पलके देखना वे पलकें जो एक बार उठ जाए तो इंसान उनम...
मुझे अच्छा लगता है /mujhe accha lagta he
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अक्टूबर 13, 2020
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मोहब्बत और मुश्किलें - MOHBBAT OR MUSHKILEN
मुश्किल में हो तो कभी पुकार लेना मुझे क्योंकि मुश्किलों में आगाज़ लिख कर आया हूं मैं कभी झुठलाया गया हूं मैं कभी ठुकराया गया हूं मैं कभी किसी...
मोहब्बत और मुश्किलें - MOHBBAT OR MUSHKILEN
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सितंबर 07, 2020
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