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दिसंबर 29, 2022
  ख़्वाबों तक महदूद होती तो सब कुछ ठीक था  मगर अब वो हक़ीक़त में लाहमदुद सी रहती हैं!   आस्तीन का सांप बनकर आखिर उसने भी ज़हर उगल दिया नादान था ...