कभी कभी यूं ही ख़्याल आ जाता हैं तुम्हारा हँसते-हँसते यूं ही अश्क़ छलक जाता हैं हमारा बैठे बैठे यूं ही ताज़ा हो जाती हैं तुम्हारी यादें जब ज...
मैं अज़ीयत में हूं /Mai aziyat me hun
मैं अज़ीयत में हूँ अभी लिख नही पाउँगा लिख भी दूं तो ज़्यादा नही लिख पाउँगा ढल के आऊंगा किसी दिन अलग अंदाज़ में आज लिखा तो बेहतर नही लिख पा...
मैं अज़ीयत में हूं /Mai aziyat me hun
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सितंबर 13, 2021
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