कभी कभी खुद पर हँसी कभी गुस्सा आता हैं बस इस जहां को हँसाने को जी चाहता हैं अक्सर छुपा लेता हूं गमों को किसी कोने में कभी कभी हाल ए दिल बय...
अतीत के पन्नो से Ateet k panno se
अतीत के पन्नों से कुछ अक्षर चुरा लाया हूं बीते लम्हो को वर्तमान में ले आया हूं अदृश्य हैं कुछ अक्षर मगर उनको भविष्य में जोड़ने आया हूं...
अतीत के पन्नो से Ateet k panno se
Reviewed by The zishan's view
on
मार्च 31, 2020
Rating: 5

सदस्यता लें
संदेश
(
Atom
)