मैं धर्म नही इंसान हूं किसी के घर का जलता हुआ चिराग हूं मत बुझाओ मुझे सियासी नफ़रत के खातिर मैं अपने घर का महकता हुआ गुलदान हूं मैं धर्म न...
नींद कहाँ है /Neend khan hai
निकल जाता हैं वो दिन का सवेरा पैसा रात का अँधेरा पैसा कमाने के लिए उसके पास हैं पैसा बंगला गाड़ी इज्ज़त शोहरत लेकिन सुकून कहाँ हैं पूरे...
नींद कहाँ है /Neend khan hai
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नवंबर 29, 2020
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