मुझे उम्मीद थी तेरे आने की /mujhe ummed thi tere aane ki

अगस्त 10, 2021
अपने वजूद का एक हिस्सा खुद से कैसे जुदा कर देता  तुम्हे जाना था तुम चले गए  मेरी दहलीज़ पार करके  लेकिन मैंने अपना दरवाज़ा बंद न किया  क्योंकि...

ज़ख़्म /Zakham

अगस्त 10, 2021
मेरे ज़ख़्म भरते -भरते उम्र यूं ही गुज़र जाएगी  ज़िंदगी का क्या भरोसा कब रुक जाएगी  धड़कने चल रही है जब तक कुछ सांसे बची हैं गुज़रते लम्हों के साथ...

तवील सफ़र /Taveel safar

अगस्त 10, 2021
बेशक़ सफ़र मेरा बहुत तवील हैं लेकिन मेरी ग़ुरबत देखकर अपना रास्ता मत बदल लेना  मैं तो सिर्फ हालातों को लिखता हूं  मेरा मुकद्दर तो सिर्फ मेरा खु...