सर्दी का मौसम था सुबह का वक़्त था धुंदली धुंदली सी रोशनी थी आखें मल मल के राह देख रहा था वक़्त मेरी इबादत का था एक रोज़ मुझे इश्क हुआ था...
एक रोज़ में भी इस दुनिया से चला जाऊंगा - EK ROZ MAI BHI IS DUNIYA SE CHALA JAUNGA
जो साथ होगा वो छूट जाएगा बादल होगा वो बरस जाएगा दोस्ती होगी वो अधूरी रह जाएगी नफरत होगी वो प्यार में बदल जाएगी दिलो में सबके अपनी यादे छोड़ ...
एक रोज़ में भी इस दुनिया से चला जाऊंगा - EK ROZ MAI BHI IS DUNIYA SE CHALA JAUNGA
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अक्टूबर 31, 2019
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