अल्फ़ाज़ मेरे लिखने का अंदाज़ मेरा सोच मेरी तुम्हे सोचने का हुनर मेरा पन्ने मेरे कागज़ मेरा किताब मेरी कलम मेरा लेकिन मेरे लफ्जों को चमकाने ...
दागदार कागज़ DAGDAR KAGAZ
बहुत कुछ लिखने का मन हैं तुम्हारे लिए लेकिन ख़ामोश आज अपने अल्फ़ाज़ हैं कलम तो हुकुम का पाबंद हैं मगर क्या करे दागदार आज कोरा कागज़ हैं तुम्ह...
दागदार कागज़ DAGDAR KAGAZ
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सितंबर 04, 2021
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राह का मुसाफ़िर - RAH KA MUSAFIR
खुद को लिखने बैठूं तो रात यूं ही गुज़र जाएगी सुबह होने की आस में शाम यूं ही ढल जाएगी बहुत से ग़मों का बाज़ार सीने में सजाए हुए बैठा हूं सरे ...
राह का मुसाफ़िर - RAH KA MUSAFIR
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सितंबर 04, 2021
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