नज़ारा ये ज़मी का वीरान हैं जिधर देखे तबाही औऱ बेजान हैं देखकर ये मंज़र आसमान भी हैरान हैं हम गुन्हेगारों को बख़्स दे मेरे मोला तेर...
सिलसिले उदास उदास शामों के
उदास उदास शामों के ...
सिलसिले उदास उदास शामों के
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अप्रैल 20, 2020
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