मैं माज़ी के बारे में ज़्यादा नही सोचता क्योंकि यह मेरी आखों में आसूं ले आता हैं मुस्तकबिल के बारे में भी ज़्यादा नही सोचता क्योंकि यह ...
माज़ी की किताब /Mazi ki kitab
सोचता हूं माज़ी की किताब को फिर से खोल लूं जो लिखे थे कुछ अल्फाज़ उनकी याद में उन्हें फिर से दोहरा लूं माज़ी की किताब में कुछ पन्ने ऐसे ...
माज़ी की किताब /Mazi ki kitab
Reviewed by The zishan's view
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जून 26, 2021
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रिश्ते /Rishtey
रिश्ते मुझे हर तरह से निभाने आते हैं टूटते रिश्तों को मुझे बचाने आते हैं टूटने लगता हैं गर रिश्ता कोई मेरा झुक कर मुझे उन्हें संभालने...
रिश्ते /Rishtey
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जून 26, 2021
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