कुछ नए अल्फाज़ लिखने की तमन्ना लिए लिखता हूं पसंद आ जाए तुम्हे कुछ वो जज़्बात लिखता हूं मुकम्मल हो जाता हैं जब कोई कलाम मेरा फिर से न...
तुम मेरा वो हिस्सा हों /TUM mera wo hissa hoon
तुम मेरा वो हिस्सा हो जिसे मैं हरगिज़ खोना नही चाहता नज़रों से दूर ज़रूर हो तुम मगर नज़रों से दूर नही रखना चाहता एहसास तुम्हारे होने का ता...
तुम मेरा वो हिस्सा हों /TUM mera wo hissa hoon
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जनवरी 23, 2021
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हुनर /Hunar
बड़ा अजीब हुनर हैं ये उनका बातों बातों में यूं रो देने का बहाना ढूँढ़ते रहते हैं वो अक्सर हमे भी रुलाने का वरना हमे शौक कहां हैं खामखाँ ...
हुनर /Hunar
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जनवरी 23, 2021
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पाकीज़ा इश्क /Pakiza mohbbat
मज़बूरी हैं तो बेधड़क होकर चले जाना ममतां की चादर बाप की पगड़ी से बढकर कुछ नही जानता हूं इश्क़ हैं बेशक तुमसे इश्क़ हैं वो इश्क़ जो इबा...
पाकीज़ा इश्क /Pakiza mohbbat
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जनवरी 17, 2021
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लिखता रहूं/Likhta rhun
लिखता रहूं तुम्हे मैं जिंदगी भर तुम वो ग़ज़ल बन जाओं मैं छोटा सा लेखक तो तुम हर्फ़ बन जाओ मैं कलम तो स्याही एहसासों की तुम बन जाओं फ़र्क ह...
लिखता रहूं/Likhta rhun
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जनवरी 17, 2021
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कभी तुम यूं मिलों ऐसे /Kabhi tum yun milon aise
कभी तुम यूं मिलो ऐसे मिलें हो हम पहले से जैसे देख के मुझे यूं कतरा गए मानों कही मुझसे अचानक टकरा गए फिर शुरू हो यूं सिलसिला बातों का गर...
कभी तुम यूं मिलों ऐसे /Kabhi tum yun milon aise
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जनवरी 17, 2021
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तेरे बगैर /Tere bagair
तेरे बगैर हम दुनिया को वीरान लिखेगें तन्हा खुद को राहों को सुनसान लिखेंगे वही लहजा वही जज़्बात वही कलाम लिखेंगे एक खत और हम तेरे नाम लिख...
तेरे बगैर /Tere bagair
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जनवरी 14, 2021
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मै रहूं या ना रहूं /Mai rahun ya na rahun
मैं रहूँ या ना रहूं कोई कमाल नही हो जाएगा बस इतना हैं अपने अल्फाज़ का एक एक पन्ना मायूस हो जाएगा जो लिख रहां हूं आज अल्फाज़ों को तोड़ मो...
मै रहूं या ना रहूं /Mai rahun ya na rahun
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जनवरी 14, 2021
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आहिस्ता आहिस्ता /Aahista aahista
मैं और तुम हो एक गुमनाम मंज़िल के मुसाफिर कुछ गुफ्तगू करते चले आहिस्ता आहिस्ता मैं खामोश रहूं बस तुम्हें देखता रहूं तुम बोलो -बोलो ना कु...
आहिस्ता आहिस्ता /Aahista aahista
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जनवरी 02, 2021
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