मैंने कब चाहा मैं मशहूर हो जाऊं भला अपने ही बसेरे से क्यों दूर हो जाऊं नसीहत कर रही हैं ना जाने अक्ल कब से बस इस कलम की दीवानगी से दूर ...
अतीत के पन्नो में - ATIT KE PANNO ME
अतीत के पन्नों में कुछ अक्षर ऐसे भी होते हैं अदृश्य हैं मगर फिर भी वर्तमान से जुड़े होते हैं अतीत के पन्नो में कल का अतीत आज...
अतीत के पन्नो में - ATIT KE PANNO ME
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नवंबर 07, 2019
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या मुस्तफा या अल्लाहु या रहमान ( हम्दो सनाह)
या मुस्तफा या मुस्तफा या मुस्तफा वो काली कमली वाला या मुस्तफा या मुस्तफा वो नबियो की नबूवत वाला या मुस्तफा या मुस्तफा वो इमामुल अम...
या मुस्तफा या अल्लाहु या रहमान ( हम्दो सनाह)
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नवंबर 06, 2019
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कैसी जन्नत है जान मांगती है (कश्मीर) KAISI JANNAT HAI JAAN MANGTI HAIN
आज़ाद हूं मैं मगर मेरी आज़ादी नहीं घायल हूं मैं मगर मेरी कोई दवा नही लूटा हैं जिस तरह मुझे सियासतदानों ने आज़ादी छीन ली मेरे बच्चों की व...
कैसी जन्नत है जान मांगती है (कश्मीर) KAISI JANNAT HAI JAAN MANGTI HAIN
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नवंबर 03, 2019
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कल का लिखू आज मैं--KAL KA LIKHUN AAJ MAI
कल का लिखू आज मैं ये तम्मना मुद्दतों से हैं तेरे ना होने से मेरी ज़िन्दगी में बस इतनी कमी सी हैं मैं चाहे लाख मुस्कुरालूं इन आखों में आज भ...
कल का लिखू आज मैं--KAL KA LIKHUN AAJ MAI
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नवंबर 01, 2019
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