किताब /Kitab

सितंबर 14, 2021
मैं वो क़िताब हूं जिसे अधूरा पढकर छोड़ दिया गया  हर बार की तरह शिकायत थी मुझे समझा न गया  I am the book that was left unfinished There was a c...

यूं ही / yu he

सितंबर 13, 2021
कभी कभी यूं ही ख़्याल आ जाता हैं तुम्हारा  हँसते-हँसते यूं ही अश्क़ छलक जाता हैं हमारा बैठे बैठे यूं ही ताज़ा हो जाती हैं तुम्हारी यादें  जब ज...

दागदार कागज़ DAGDAR KAGAZ

सितंबर 04, 2021
बहुत कुछ लिखने का मन हैं तुम्हारे लिए  लेकिन ख़ामोश आज अपने अल्फ़ाज़ हैं  कलम तो हुकुम का पाबंद हैं मगर क्या करे दागदार आज  कोरा कागज़ हैं तुम्ह...
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