पहली मोहब्बत - PEHLI MOHBBAT






नई मोहब्बत में नया काम कर के देखते हैं
तुम्हारे वास्ते एक बार बदनाम  होकर देखते हैं

सुना हैं तुम्हारी  गली के लोग बहुत अजीब हैं
अगर यह सच हैं तो हम भी वहां जाकर देखते हैं

हमे पता हैं  इश्क़ की तपिश बहुत तेज होती हैं
चलो कोई नही एक बार हम भी तप के देखते हैं

बहुत बदनाम हैं मोहल्ला क्या कसूर हैं उसका 
पता नही क्यों लोग उसे आखं भर के देखते हैं

मुझे भी खुद पर बड़ा दम गुमान होने लगा हैं
कसम से जब भी वो मुझे पीछे मुड़ के देखते हैं

यह तुमने मुझ पर कौन सा जादू चला रखा हैं
बस सोते जागते  हम तुम्हारे ही ख़्वाब देखते हैं

WRITE BY 
ZISHAN ALAM

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