पहले उसके हाथों को मेहंदी से सजाया होगा
तब कही जा के उसे लाल जोड़ा पहनाया होगा
पूछना यह हैं खुदा से जिसे मेरे नसीब में लिखा
कैसे उसे दूसरे के लिए फुर्सत से बनाया होगा
भूलना चाहते हैं लेकिन चेहरा सामना आ जाता हैं
मुझे पता हैं यह रोग उसने भी लगाया होगा
इतना आसान ना रहा होगा राह पे उसे लाना
खा के सीने पे ज़ख्म उसने उसे अपनाया होगा
वो तो मूरत हैं खुद को खुदा कैसे मान ले
यक़ीनन उसे भी मेरे खुदा ने बनाया होगा |
WRITE BY
ZISHAN ALAM
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