सोचता हूं किस तर्ज़ से लिखूं तुम्हारे लिए या ठीक वैसे लिखूं जैसे तुम मुझे मिले थे सोचता हूं सुनहरे सुनहरे शब्दों में लिखूं तुम्हार...
ढलता सूरज /Dhalta suraj
लिखना छोड़ दूं मैं बाज़ नही आऊंगा कोई ढलता सूरज हूं जो नदी में डूब जाऊंगा मुझे मालूम हैं अज़ीयतें मेरे हक़ में लिखी जा सकती हैं मगर कोई ...
ढलता सूरज /Dhalta suraj
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मई 06, 2021
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