एक बार मैंने, फ़ोन पे बात करते-करते, पहाड़ गंज से रिक्शा पकड़ा और बोला कि करोल बाग ले चलो। रिक्शा चल पड़ा और मैं फ़ोन पर बातों में मशगूल हो गया...
कौन थी तुम/ who were you
कौन थी तुम? पैर की जूती थी तुम, बोझ थी तुम, ज़िल्लत का बाइस थी तुम, ज़िंदा दफन होती थी तुम, कौन हो तुम? सर का ताज हो तुम, ज़िम्मेदारी हो ...
कौन थी तुम/ who were you
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अगस्त 15, 2023
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