इश्क़ का नशा मुझ पर चढ़ता चला गया मुझको बहलाया और मैं बहलता चला गया दावे तो मोहब्बत के वो बहुत करता था निभाने के वक़्त पीछे हटता चला गया हर...
किताब /Kitab
मैं वो क़िताब हूं जिसे अधूरा पढकर छोड़ दिया गया हर बार की तरह शिकायत थी मुझे समझा न गया I am the book that was left unfinished There was a c...
किताब /Kitab
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सितंबर 14, 2021
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सिर्फ पन्ना क्यों /sirf panna kyu
सिर्फ पन्ना क्यों पूरी किताब बदल डालो जो लिखे हैं अल्फ़ाज़ उन्हें खोद डालो हर पन्ने पर तुम्हारा ज़िक्र ज़रूर मिलेगा मिटा सको तो एक एक हर्फ़ मि...
सिर्फ पन्ना क्यों /sirf panna kyu
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सितंबर 14, 2021
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यूं ही / yu he
कभी कभी यूं ही ख़्याल आ जाता हैं तुम्हारा हँसते-हँसते यूं ही अश्क़ छलक जाता हैं हमारा बैठे बैठे यूं ही ताज़ा हो जाती हैं तुम्हारी यादें जब ज...
यूं ही / yu he
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सितंबर 13, 2021
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मैं अज़ीयत में हूं /Mai aziyat me hun
मैं अज़ीयत में हूँ अभी लिख नही पाउँगा लिख भी दूं तो ज़्यादा नही लिख पाउँगा ढल के आऊंगा किसी दिन अलग अंदाज़ में आज लिखा तो बेहतर नही लिख पा...
मैं अज़ीयत में हूं /Mai aziyat me hun
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सितंबर 13, 2021
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एक ख्याल तेरा - EK KHYAL TERA
अल्फ़ाज़ मेरे लिखने का अंदाज़ मेरा सोच मेरी तुम्हे सोचने का हुनर मेरा पन्ने मेरे कागज़ मेरा किताब मेरी कलम मेरा लेकिन मेरे लफ्जों को चमकाने ...
एक ख्याल तेरा - EK KHYAL TERA
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सितंबर 04, 2021
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दागदार कागज़ DAGDAR KAGAZ
बहुत कुछ लिखने का मन हैं तुम्हारे लिए लेकिन ख़ामोश आज अपने अल्फ़ाज़ हैं कलम तो हुकुम का पाबंद हैं मगर क्या करे दागदार आज कोरा कागज़ हैं तुम्ह...
दागदार कागज़ DAGDAR KAGAZ
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सितंबर 04, 2021
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राह का मुसाफ़िर - RAH KA MUSAFIR
खुद को लिखने बैठूं तो रात यूं ही गुज़र जाएगी सुबह होने की आस में शाम यूं ही ढल जाएगी बहुत से ग़मों का बाज़ार सीने में सजाए हुए बैठा हूं सरे ...
राह का मुसाफ़िर - RAH KA MUSAFIR
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सितंबर 04, 2021
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वो ऐसे ही लिखता है /Wo aise hee likhta hai
कभी दिन ढलें तो कभी शाम लिखता हैं हर रोज़ एक नई पहचान लिखता हैं कभी सुबह तो कभी रात लिखता हैं ख़ामोशी से सारे जज़्बात लिखता हैं कभी माज़ी तो कभी...
वो ऐसे ही लिखता है /Wo aise hee likhta hai
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अगस्त 10, 2021
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आवारा परिंदा /Awara parinda
महफ़िल में ख़ामोश देखकर तुझे अजीब सा लग गया सब वाह -वाह कर रहे थे बस एक तू ख़ामोश रह गया सोचा पहली मर्तबा देखा हैं आखरी मर्तबा नही उसे एक नज़र...
आवारा परिंदा /Awara parinda
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अगस्त 10, 2021
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मुझे उम्मीद थी तेरे आने की /mujhe ummed thi tere aane ki
अपने वजूद का एक हिस्सा खुद से कैसे जुदा कर देता तुम्हे जाना था तुम चले गए मेरी दहलीज़ पार करके लेकिन मैंने अपना दरवाज़ा बंद न किया क्योंकि...
मुझे उम्मीद थी तेरे आने की /mujhe ummed thi tere aane ki
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अगस्त 10, 2021
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गुरबत के दिन /Gurbat ke din
कोई पास नही आया था मुझे रोता हुआ देखकर अपने भी किनारा कर गए थे मेरे हालात देखकर कभी मुझे देखते थे कभी मेरी बेबसी देखते थे लेकिन लौट जाते ...
गुरबत के दिन /Gurbat ke din
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अगस्त 10, 2021
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ज़ख़्म /Zakham
मेरे ज़ख़्म भरते -भरते उम्र यूं ही गुज़र जाएगी ज़िंदगी का क्या भरोसा कब रुक जाएगी धड़कने चल रही है जब तक कुछ सांसे बची हैं गुज़रते लम्हों के साथ...
ज़ख़्म /Zakham
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अगस्त 10, 2021
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तवील सफ़र /Taveel safar
बेशक़ सफ़र मेरा बहुत तवील हैं लेकिन मेरी ग़ुरबत देखकर अपना रास्ता मत बदल लेना मैं तो सिर्फ हालातों को लिखता हूं मेरा मुकद्दर तो सिर्फ मेरा खु...
तवील सफ़र /Taveel safar
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अगस्त 10, 2021
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वो मुझे इस तरह मिले /wo mujhe is trah mile
मैं चाहता हूं वो मुझे इस तरह मिलें कही दूर नीम की छाव तले मुस्कुराती हुई वो मेरे पास चली आए अपने होठों से कुछ गीत गुनगुनाए आसमां में बाद...
वो मुझे इस तरह मिले /wo mujhe is trah mile
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अगस्त 10, 2021
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सिला sila
तेरी यादों का सिला हैं तेरे वादों का सिला हैं जो मुझे मिला हैं वो तेरी अनकही बातों का ही सिला हैं Your memories are stitched your promises a...
सिला sila
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जुलाई 18, 2021
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ख्याल /Khyal
लहज़े में उनके कुछ नया अंदाज़ आया हैं लगता हैं उन्हें मेरा फिर से ख़्याल आया हैं इधर उधर देखकर नज़रे चुराती हुई मुझ से बोली देखों तुम्हारी दह...
ख्याल /Khyal
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जुलाई 18, 2021
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तेरी मेरी प्रेम कहानी /Teri meri prem khani
आखों से अश्क़ छलका कर तेरे लिए हिज़्र में हाथ उठाते हैं धरती पर सज्दा कर अम्बर तक पहुंचाते हैं मैं तुझसे दूर जाऊं तुझको ना भूल जाऊं यादें न...
तेरी मेरी प्रेम कहानी /Teri meri prem khani
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जुलाई 13, 2021
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तेरा वजूद /Tera vajud
तेरा वजूद मेर लिए इतने मायने रखता हैं मेरे वीरान से ख़्वाबों को चमका देता हैं आखों में ख़्वाब तुम्हारे हो तो जीने के लाख बहाने बना देता हैं ...
तेरा वजूद /Tera vajud
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जुलाई 11, 2021
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वक़्त निकलता जा रहा है /waqt nikalta ja rha hai
ये उलझने सुलझती क्यों नही ये ख़ामोशी टूटती क्यों नही धूप सिरहाने को हैं सूरज ढलने को हैं वक़्त निकलता जा रहा हैं मेरे हाथों से सरकता जा रहा...
वक़्त निकलता जा रहा है /waqt nikalta ja rha hai
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जुलाई 11, 2021
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विरासत /Virasat
विरासत में नही मिला मुझे ये हुनर एक एक अल्फाज़ चुम कर लाया हूं खानदानी नही हैं ये पेशा मेरा महज़ एक शौक के खातिर इधर चला आया हूं म...
विरासत /Virasat
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जुलाई 11, 2021
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अपने अल्फ़ाज़ /Apne alfaaz
थोडा सा लिखा हैं पन्ना लिखना अभी बाक़ी हैं ज़िंदगी हैं यारों किताब लिखना अभी बाक़ी हैं पढ़ चुका हूं मैं बहुत सी रिवायती किताबे लेकिन ...
अपने अल्फ़ाज़ /Apne alfaaz
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जून 27, 2021
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मै सिर्फ आज को सोचता हूं /Mai sirf aaj ko sochta hun
मैं माज़ी के बारे में ज़्यादा नही सोचता क्योंकि यह मेरी आखों में आसूं ले आता हैं मुस्तकबिल के बारे में भी ज़्यादा नही सोचता क्योंकि यह ...
मै सिर्फ आज को सोचता हूं /Mai sirf aaj ko sochta hun
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जून 26, 2021
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माज़ी की किताब /Mazi ki kitab
सोचता हूं माज़ी की किताब को फिर से खोल लूं जो लिखे थे कुछ अल्फाज़ उनकी याद में उन्हें फिर से दोहरा लूं माज़ी की किताब में कुछ पन्ने ऐसे ...
माज़ी की किताब /Mazi ki kitab
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जून 26, 2021
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रिश्ते /Rishtey
रिश्ते मुझे हर तरह से निभाने आते हैं टूटते रिश्तों को मुझे बचाने आते हैं टूटने लगता हैं गर रिश्ता कोई मेरा झुक कर मुझे उन्हें संभालने...
रिश्ते /Rishtey
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जून 26, 2021
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