किताब /Kitab

सितंबर 14, 2021
मैं वो क़िताब हूं जिसे अधूरा पढकर छोड़ दिया गया  हर बार की तरह शिकायत थी मुझे समझा न गया  I am the book that was left unfinished There was a c...

यूं ही / yu he

सितंबर 13, 2021
कभी कभी यूं ही ख़्याल आ जाता हैं तुम्हारा  हँसते-हँसते यूं ही अश्क़ छलक जाता हैं हमारा बैठे बैठे यूं ही ताज़ा हो जाती हैं तुम्हारी यादें  जब ज...

दागदार कागज़ DAGDAR KAGAZ

सितंबर 04, 2021
बहुत कुछ लिखने का मन हैं तुम्हारे लिए  लेकिन ख़ामोश आज अपने अल्फ़ाज़ हैं  कलम तो हुकुम का पाबंद हैं मगर क्या करे दागदार आज  कोरा कागज़ हैं तुम्ह...

मुझे उम्मीद थी तेरे आने की /mujhe ummed thi tere aane ki

अगस्त 10, 2021
अपने वजूद का एक हिस्सा खुद से कैसे जुदा कर देता  तुम्हे जाना था तुम चले गए  मेरी दहलीज़ पार करके  लेकिन मैंने अपना दरवाज़ा बंद न किया  क्योंकि...

ज़ख़्म /Zakham

अगस्त 10, 2021
मेरे ज़ख़्म भरते -भरते उम्र यूं ही गुज़र जाएगी  ज़िंदगी का क्या भरोसा कब रुक जाएगी  धड़कने चल रही है जब तक कुछ सांसे बची हैं गुज़रते लम्हों के साथ...

तवील सफ़र /Taveel safar

अगस्त 10, 2021
बेशक़ सफ़र मेरा बहुत तवील हैं लेकिन मेरी ग़ुरबत देखकर अपना रास्ता मत बदल लेना  मैं तो सिर्फ हालातों को लिखता हूं  मेरा मुकद्दर तो सिर्फ मेरा खु...

सिला sila

जुलाई 18, 2021
तेरी यादों का सिला हैं तेरे वादों का सिला हैं जो मुझे मिला हैं वो तेरी अनकही बातों का ही सिला हैं Your memories are stitched your promises a...

ख्याल /Khyal

जुलाई 18, 2021
लहज़े  में उनके कुछ नया अंदाज़ आया हैं लगता हैं उन्हें मेरा फिर से ख़्याल आया हैं इधर उधर देखकर नज़रे चुराती हुई मुझ से बोली  देखों तुम्हारी दह...

तेरा वजूद /Tera vajud

जुलाई 11, 2021
तेरा वजूद मेर लिए इतने मायने रखता हैं मेरे वीरान से ख़्वाबों को चमका देता हैं  आखों में ख़्वाब तुम्हारे हो तो  जीने के लाख बहाने बना देता हैं ...

विरासत /Virasat

जुलाई 11, 2021
विरासत  में नही मिला मुझे ये  हुनर   एक एक अल्फाज़ चुम कर लाया हूं  खानदानी  नही हैं ये  पेशा  मेरा  महज़ एक शौक  के खातिर इधर चला आया हूं  म...

अपने अल्फ़ाज़ /Apne alfaaz

जून 27, 2021
थोडा सा लिखा  हैं  पन्ना  लिखना अभी बाक़ी हैं ज़िंदगी हैं यारों  किताब  लिखना अभी बाक़ी हैं पढ़ चुका हूं मैं बहुत सी  रिवायती  किताबे  लेकिन ...

माज़ी की किताब /Mazi ki kitab

जून 26, 2021
सोचता हूं  माज़ी की किताब  को फिर से खोल लूं  जो लिखे थे कुछ अल्फाज़ उनकी याद में  उन्हें फिर से दोहरा लूं  माज़ी की किताब  में कुछ पन्ने ऐसे ...

रिश्ते /Rishtey

जून 26, 2021
रिश्ते  मुझे हर तरह से निभाने आते हैं  टूटते  रिश्तों  को मुझे बचाने आते हैं टूटने लगता हैं गर  रिश्ता  कोई मेरा  झुक कर मुझे उन्हें संभालने...
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