मैंने तेरी रूह से मोहब्बत की
तेरे जिस्म की कभी चाहत ना की
मैंने तेरे एहसासों से मोहब्बत की
तू मेरे पास नही लेकिन फिर भी की
मैंने अपने बीते हुए कल से मोहब्बत की
क्योंकि उस कल में तू मेरी मोहब्बत थी
मैंने हर याद से मोहब्बत की
क्योंकि उन यादों में तू मेरी मोहब्बत थी
मैंने उन लम्हो से मोहब्बत की
जिन लम्हो में हम दोनों की मोहब्बत थी
मैंने उन अल्फ़ाज़ों से मोहब्बत की
जो महकते थे तेरी मोहब्बत से
मैंने उन जज़्बातों से मोहब्बत की
जिन बातों से आसूं निकलते थे तेरे
ना तुझ से कभी रुहबरु मिला।
ना कभी हूबहू तुझको देखा
ऐसा लगता था बस एक ख़्वाब से
मोहब्बत की ।l
इसलिए तेरे इंतज़ार से मोहब्बत की
Written by zishan alam zisshu
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