हम याद रखेंगे बेशक याद रखेंगे ये तमाशा जो तुमने लगा रखा हैं नफरत की आग को जो इतना भड़का रखा हैं जो तशाद्दुद तुमने मुझ पर किए हैं वो ज़ख्म हम...
हिज़रत - HIZRAT
हिज़रत के नाम पे ज़िन्दगी नही गुज़ारेगें हम भला अपना वतन छोड़कर क्यों जाएगे हम खटकते हैं जिनकी आखों में रात और दिन कह दो उनसे इसी मुल्क के ब...
हिज़रत - HIZRAT
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जुलाई 01, 2022
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झूठ का बाज़ार - JHOOTH KA BAZAR
झूठ के बाज़ार में सच बोलना मुश्किल हो गया अब तो आवाज़ उठाना भी ज़ुल्म हो गया हर जुबां पर डर के ताले हैं और कलम पर बंदूक का पहेरा हो गया झ...
झूठ का बाज़ार - JHOOTH KA BAZAR
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जुलाई 01, 2022
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गाँव की मिट्टी - GAON KI MITTHI
मेरे गाँव की मिट्टी मुझे अच्छी लगती हैं इस मिट्टी की खुशबु मुझे अच्छी लगती हैं शहर के गरीबों का फुटपाथ पर आसरा हैं मुझे गाँव की गज भर ज़मी...
गाँव की मिट्टी - GAON KI MITTHI
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जुलाई 01, 2022
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पत्थर दिल , Patthar dil
हमारी बेबसी तो देखिए हम उन्हें अपना कहते हैं हम मोहब्बत करते हैं उनसे वो हमें पराया कहते हैं ज़मी पर सजदा कर आसमां तलक माँगा हैं तुम्हे यक...
पत्थर दिल , Patthar dil
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मई 28, 2022
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बिखरे -बिखरे से अल्फाज़ - BIKHRE BIKHRE SE ALFAAZ
बिखरे बिखरे से अल्फाज़ हैं टूटे टूटे से हम पता नही क्या हुआ क्यों हुआ खामोश हूं मैं उदास नहीं शायद कहीं पर जान अटकी हैं लिखने बैठूं तो अल...
बिखरे -बिखरे से अल्फाज़ - BIKHRE BIKHRE SE ALFAAZ
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फ़रवरी 21, 2022
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अनोखा चेहरा - ANOKHA CHEHARA
ये ज़ख्म अब भर क्यों नही जाता जो बीत गया वो भुला क्यों नही जाता हर वक़्त क्यों तलाशती हैं उसे ये निगाहें उसकी यादों से मैं जुदा क्यों नही ह...
अनोखा चेहरा - ANOKHA CHEHARA
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फ़रवरी 03, 2022
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लौटूंगा मैं LOTUNGA MAI
लौटूंगा मैं एक दिन मेरा इंतज़ार करना उमीदों का सूरज डूबने मत देना बहुत सी उलझनों में उलझा हूं साजिशों के जाल में फसा हूं दूर हूं तुमसे ल...
लौटूंगा मैं LOTUNGA MAI
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दिसंबर 07, 2021
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पहली मोहब्बत - PEHLI MOHBBAT
नई मोहब्बत में नया काम कर के देखते हैं तुम्हारे वास्ते एक बार बदनाम होकर देखते हैं सुना हैं तुम्हारी गली के लोग बहुत अजीब हैं अगर यह सच है...
पहली मोहब्बत - PEHLI MOHBBAT
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दिसंबर 07, 2021
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मेहंदी का रंग - MEHNDI KA RANG
पहले उसके हाथों को मेहंदी से सजाया होगा तब कही जा के उसे लाल जोड़ा पहनाया होगा पूछना यह हैं खुदा से जिसे मेरे नसीब में लिखा कैसे उसे दूसरे...
मेहंदी का रंग - MEHNDI KA RANG
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दिसंबर 07, 2021
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झगडा - JHAGDA
झगड़ा सिर्फ सोच का हैं दूर जाने की बात नही मेरे बस की बात नही उसके बस की बात नही सारे रिश्ते तोड़ के पराए जैसा एहसास करा देते हैं वार सीधा ...
झगडा - JHAGDA
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दिसंबर 07, 2021
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खुशियों का ख़्याल / khushiyon ka khyal
वादा हैं अपना साथ निभाऊंगा छोडकर तुम्हें कहीं नही जाऊंगा बेखबर नही मैं खबरदार रहूँगा तुम्हारी खुशियों का ख़्याल रखूंगा खुशियां तुम्हारी ...
खुशियों का ख़्याल / khushiyon ka khyal
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अक्टूबर 20, 2021
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लफ़्ज़ों से अन बन /lafzon se an ban
लफ़्ज़ों से अन बन हैं कलम भी उखड़ा उखड़ा सा हैं लफ़्ज़ों कि ख़ामोशी कलम कि बेरुखी कि वजह क्या हैं लफ्ज़ जो ज़ुबां पर नहीआते शिकवे आखों से नही ग...
लफ़्ज़ों से अन बन /lafzon se an ban
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अक्टूबर 20, 2021
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धूल नफ़रत की DHOOL NAFRAT KI
धूल नफ़रत की चारो तरफ फ़ैल चुकी हैं जितनी बटनी थी ये ज़मी बट चुकी हैं ज़हर घोल दिया गया इन खुबसूरत फिज़ाओं में ज़हरीली अब यहां की हवा भी हो चुक...
धूल नफ़रत की DHOOL NAFRAT KI
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अक्टूबर 15, 2021
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ख़ामोश लड़की - KHAMOSH LADKI
आखों में चमक नही होठों पर लफ्ज़ नही एहसासों से खाली है ऐसा लगता है वो लड़की अब रोने वाली है दे के कुर्बानी खुशियों की सिर्फ गम ख़रीदे है इस...
ख़ामोश लड़की - KHAMOSH LADKI
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अक्टूबर 15, 2021
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इश्क़ का नशा - ISHQ KA NASHA
इश्क़ का नशा मुझ पर चढ़ता चला गया मुझको बहलाया और मैं बहलता चला गया दावे तो मोहब्बत के वो बहुत करता था निभाने के वक़्त पीछे हटता चला गया हर...
इश्क़ का नशा - ISHQ KA NASHA
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अक्टूबर 14, 2021
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किताब /Kitab
मैं वो क़िताब हूं जिसे अधूरा पढकर छोड़ दिया गया हर बार की तरह शिकायत थी मुझे समझा न गया I am the book that was left unfinished There was a c...
किताब /Kitab
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सितंबर 14, 2021
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सिर्फ पन्ना क्यों /sirf panna kyu
सिर्फ पन्ना क्यों पूरी किताब बदल डालो जो लिखे हैं अल्फ़ाज़ उन्हें खोद डालो हर पन्ने पर तुम्हारा ज़िक्र ज़रूर मिलेगा मिटा सको तो एक एक हर्फ़ मि...
सिर्फ पन्ना क्यों /sirf panna kyu
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सितंबर 14, 2021
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यूं ही / yu he
कभी कभी यूं ही ख़्याल आ जाता हैं तुम्हारा हँसते-हँसते यूं ही अश्क़ छलक जाता हैं हमारा बैठे बैठे यूं ही ताज़ा हो जाती हैं तुम्हारी यादें जब ज...
यूं ही / yu he
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सितंबर 13, 2021
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मैं अज़ीयत में हूं /Mai aziyat me hun
मैं अज़ीयत में हूँ अभी लिख नही पाउँगा लिख भी दूं तो ज़्यादा नही लिख पाउँगा ढल के आऊंगा किसी दिन अलग अंदाज़ में आज लिखा तो बेहतर नही लिख पा...
मैं अज़ीयत में हूं /Mai aziyat me hun
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सितंबर 13, 2021
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