एक बार ही सही तू आ तो सही
तुझे देखने को मन करता हैं
तुझे सुनने को जी चाहता हैं
सुन ले आवाज़ मेरी
रो रहा हूं मैं
दिल मायूस हैं मेरा
फीकी हो गई मुस्कान मेरी
तू आ तो सही एक बार ही सही
समेट रहा हूं तेरी यादों को तेरी बातों को
जी रहा हूं बीते हुए लम्हो को
ना मेरा व्यवहार बदला था
ना मेरा प्यार बदला था
शिकायत थी तो मुझ से कहती
एक बार नही हज़ार बार कहती
खुलकर बोलती मगर कहती तो सही
एक बार ही सही तू आ तो सही
एक बार खुल कर बताना
एक बार नही सौ बार बताना
चाहे उसके बाद ना आना
दिल में जो भी है वो बता तो सही
एक बार ही सही तू आ तो सही
Written by
Zishan alam
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