kora kagaz /कोरा कागज़

अप्रैल 03, 2021
मैंने हर्फों की शक्ल में तुम्हे लिख दिया हैं ख्यालों के दरिया से लफ़्ज़ों को निकालकर कोरे कागज़ पर बिखेर दिया हैं कोरा कागज़  हैं  खाली पन्ने ह...

हुनर /Hunar

जनवरी 23, 2021
बड़ा अजीब हुनर  हैं ये उनका  बातों बातों में यूं रो देने का  बहाना ढूँढ़ते रहते हैं वो अक्सर  हमे भी रुलाने का  वरना हमे शौक कहां हैं खामखाँ ...

लिखता रहूं/Likhta rhun

जनवरी 17, 2021
लिखता रहूं तुम्हे मैं जिंदगी भर  तुम वो ग़ज़ल बन जाओं  मैं छोटा सा लेखक तो तुम हर्फ़ बन जाओ  मैं कलम तो स्याही एहसासों की तुम बन जाओं  फ़र्क ह...

तेरे बगैर /Tere bagair

जनवरी 14, 2021
तेरे बगैर हम दुनिया को वीरान लिखेगें  तन्हा खुद को राहों को सुनसान लिखेंगे  वही लहजा वही जज़्बात वही कलाम लिखेंगे  एक खत और हम तेरे नाम लिख...

गुज़ारिश/Guzarish

दिसंबर 19, 2020
फुरसत के  कुछ पल दे  अपने मुझे  आ बैठ वक़्त निकालकर  किसी शाम मेरे पास  कुछ लफ्ज़ ऐसे हैं जो तेरे इंतज़ार में  डेरा डाले बैठे हैं  लफ़्ज़ों को...

मैं हूँ ना /MAI HOON NA

नवंबर 01, 2020
समझता हूं तुमसे दूर हूं मगर तुम्हारे दिल के बहुत पास हूं जानता हूं इश्क की राह में रुकावटे अव्वल दर्जे पर हैं  मगर तुम बेखौफ होकर चलते रहना ...
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