मुसलसलत तेरी याद आती हैं माँ तू अब घ...
मुझे अच्छा लगेगा - MUJHE ACCHA LAGEGA
कभी उनके लबों पर मेरा ज़िक्र आये कभी मेरे हालातो का जायज़ा ले जाये जो लिखे हैं...
मुझे अच्छा लगेगा - MUJHE ACCHA LAGEGA
Reviewed by The zishan's view
on
जनवरी 14, 2020
Rating: 5

तुम बहुत याद आओगे - TUM BAHUT YAAD AAOGE
टूटे पत्तो की तरह हो गए वे अब शाख पर नही जुड़ पाएंगे एक दिन तुम रूठ जाओगे और हम नही ...
तुम बहुत याद आओगे - TUM BAHUT YAAD AAOGE
Reviewed by The zishan's view
on
जनवरी 13, 2020
Rating: 5

मै जैसा हूं मुझको वैसा ही रहने दो mai jaisa hun mujhko waisa he rahne do
मैं जैसा हूं मुझको वैसा ही रहने दो अभी हाथों में कलम हैं थोडा और लिखने दो राहों में तुम मेरी पत्थर ना बिछाना दरिया हूं मैं पानी बनकर ...
मै जैसा हूं मुझको वैसा ही रहने दो mai jaisa hun mujhko waisa he rahne do
Reviewed by The zishan's view
on
जनवरी 13, 2020
Rating: 5

नफरत के इस दौर में जीना मुश्किल हो गया Nafrat k is dour me jeena mushkil ho gya
नफरत के इस दौर में जीना मुश्किल हो गया अब तो अहताज़ाज करना लाज़मी हो गया हर शाख पर उल्लू बैठा है हर गद्दी पर बैठा शख्स गद्दार हो गया ...
नफरत के इस दौर में जीना मुश्किल हो गया Nafrat k is dour me jeena mushkil ho gya
Reviewed by The zishan's view
on
जनवरी 13, 2020
Rating: 5

बज उठूँगा में फिर बाँसुरी की तरह
मेरे लफ़्ज़ों को थोड़ा समझ कर तो देखो अपने आप समझ जाओगे की तरह सामने से मेरे गुज़रते हो जब भी कभी यू ना मुँह मोड़ा करो तुम अजनबी की तरह मे...
बज उठूँगा में फिर बाँसुरी की तरह
Reviewed by The zishan's view
on
दिसंबर 10, 2019
Rating: 5
दिल की आवाज़ - DIL KI AAWAZ
काश इस दिल की भी कोई आवाज़ सुने जैसे डूबते हुए को तिनके का सहारा मिले अम्बर के सितारों की रोशनी में किसी परी को इस दिल मे परवाज़ मिले मे...
दिल की आवाज़ - DIL KI AAWAZ
Reviewed by The zishan's view
on
दिसंबर 08, 2019
Rating: 5

मैंने कब चाहा में मशहूर हो जाऊं ,, maine kab chaha mai mashoor ho jaun
मैंने कब चाहा मैं मशहूर हो जाऊं भला अपने ही बसेरे से क्यों दूर हो जाऊं नसीहत कर रही हैं ना जाने अक्ल कब से बस इस कलम की दीवानगी से दूर ...
मैंने कब चाहा में मशहूर हो जाऊं ,, maine kab chaha mai mashoor ho jaun
Reviewed by The zishan's view
on
नवंबर 23, 2019
Rating: 5

अतीत के पन्नो में - ATIT KE PANNO ME
अतीत के पन्नों में कुछ अक्षर ऐसे भी होते हैं अदृश्य हैं मगर फिर भी वर्तमान से जुड़े होते हैं अतीत के पन्नो में कल का अतीत आज...
अतीत के पन्नो में - ATIT KE PANNO ME
Reviewed by The zishan's view
on
नवंबर 07, 2019
Rating: 5

या मुस्तफा या अल्लाहु या रहमान ( हम्दो सनाह)
या मुस्तफा या मुस्तफा या मुस्तफा वो काली कमली वाला या मुस्तफा या मुस्तफा वो नबियो की नबूवत वाला या मुस्तफा या मुस्तफा वो इमामुल अम...
या मुस्तफा या अल्लाहु या रहमान ( हम्दो सनाह)
Reviewed by The zishan's view
on
नवंबर 06, 2019
Rating: 5

कैसी जन्नत है जान मांगती है (कश्मीर) KAISI JANNAT HAI JAAN MANGTI HAIN
आज़ाद हूं मैं मगर मेरी आज़ादी नहीं घायल हूं मैं मगर मेरी कोई दवा नही लूटा हैं जिस तरह मुझे सियासतदानों ने आज़ादी छीन ली मेरे बच्चों की व...
कैसी जन्नत है जान मांगती है (कश्मीर) KAISI JANNAT HAI JAAN MANGTI HAIN
Reviewed by The zishan's view
on
नवंबर 03, 2019
Rating: 5

सदस्यता लें
संदेश
(
Atom
)