मै जैसा हूं मुझको वैसा ही रहने दो mai jaisa hun mujhko waisa he rahne do

जनवरी 13, 2020
  मैं जैसा हूं मुझको वैसा ही रहने दो अभी हाथों में कलम हैं थोडा और लिखने दो  राहों में तुम मेरी पत्थर ना बिछाना   दरिया हूं मैं पानी बनकर ...

नफरत के इस दौर में जीना मुश्किल हो गया Nafrat k is dour me jeena mushkil ho gya

जनवरी 13, 2020
नफरत के इस दौर में जीना मुश्किल हो गया  अब तो अहताज़ाज करना लाज़मी हो गया  हर शाख पर उल्लू बैठा है  हर गद्दी पर बैठा शख्स गद्दार हो गया ...

मैंने कब चाहा में मशहूर हो जाऊं ,, maine kab chaha mai mashoor ho jaun

नवंबर 23, 2019
मैंने कब चाहा मैं मशहूर हो जाऊं भला अपने ही बसेरे से क्यों दूर हो जाऊं नसीहत कर रही हैं ना जाने अक्ल कब से बस इस कलम की दीवानगी से दूर ...

या मुस्तफा या अल्लाहु या रहमान ( हम्दो सनाह)

नवंबर 06, 2019
या मुस्तफा या मुस्तफा या मुस्तफा वो काली कमली वाला या मुस्तफा या मुस्तफा  वो नबियो की नबूवत वाला या मुस्तफा या मुस्तफा वो इमामुल अम...

कैसी जन्नत है जान मांगती है (कश्मीर) KAISI JANNAT HAI JAAN MANGTI HAIN

नवंबर 03, 2019
आज़ाद  हूं मैं मगर मेरी आज़ादी नहीं  घायल हूं मैं मगर मेरी कोई दवा नही  लूटा हैं जिस तरह मुझे सियासतदानों ने  आज़ादी छीन ली मेरे बच्चों की  व...
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