नज़ारा ये ज़मी का वीरान हैं जिधर देखे तबाही औऱ बेजान हैं देखकर ये मंज़र आसमान भी हैरान हैं हम गुन्हेगारों को बख़्स दे मेरे मोला तेर...
सिलसिले उदास उदास शामों के
उदास उदास शामों के ...
सिलसिले उदास उदास शामों के
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अप्रैल 20, 2020
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एक बार ही सही तू आ तो सही - EK BAR HE SAHI
एक बार ही सही तू आ तो सही तुझे देखने को मन करता हैं तुझे सुनने को जी चाहता हैं सुन ले आवाज़ मेरी रो रहा हूं मैं दिल मायूस...
एक बार ही सही तू आ तो सही - EK BAR HE SAHI
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अप्रैल 12, 2020
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किसी के होठों की मुस्कान - KISI KE HOTHON KI MUSKAN
किसी के होठों की मुस्कान हमारी पहचान बनती है । मगर उनकी चुप्पी सीधा हमारे दिल से सवाल करती है । किसी की एक मुस्कान से अपनी...
किसी के होठों की मुस्कान - KISI KE HOTHON KI MUSKAN
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अप्रैल 07, 2020
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तन्हाई तू भी बोल कभी - TANHAI TU BHI BOL KABHI
दिल के सन्नाटे खोल कभी । सारे बंधन तोड़ अभी । तन्हाई तू भी बोल कभी । अकेला पन चुनता रहता है । क्यों रिश्तों से दूर रहता है । ज...
तन्हाई तू भी बोल कभी - TANHAI TU BHI BOL KABHI
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अप्रैल 07, 2020
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सिलसिला चाहत क - SILSILA CHAHAT KA
बातों बातों में जो बात ढल गई । वो अब लफ़्ज़ों में आ गई । सिलसिला ऐसा हुआ बातों का । रात भर शम्मा सी जल गई । किन लफ़्ज़ों में लिखू अपने ...
सिलसिला चाहत क - SILSILA CHAHAT KA
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अप्रैल 07, 2020
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