मुझे उम्मीद थी तेरे आने की /mujhe ummed thi tere aane ki

अगस्त 10, 2021
अपने वजूद का एक हिस्सा खुद से कैसे जुदा कर देता  तुम्हे जाना था तुम चले गए  मेरी दहलीज़ पार करके  लेकिन मैंने अपना दरवाज़ा बंद न किया  क्योंकि...

ज़ख़्म /Zakham

अगस्त 10, 2021
मेरे ज़ख़्म भरते -भरते उम्र यूं ही गुज़र जाएगी  ज़िंदगी का क्या भरोसा कब रुक जाएगी  धड़कने चल रही है जब तक कुछ सांसे बची हैं गुज़रते लम्हों के साथ...

तवील सफ़र /Taveel safar

अगस्त 10, 2021
बेशक़ सफ़र मेरा बहुत तवील हैं लेकिन मेरी ग़ुरबत देखकर अपना रास्ता मत बदल लेना  मैं तो सिर्फ हालातों को लिखता हूं  मेरा मुकद्दर तो सिर्फ मेरा खु...

सिला sila

जुलाई 18, 2021
तेरी यादों का सिला हैं तेरे वादों का सिला हैं जो मुझे मिला हैं वो तेरी अनकही बातों का ही सिला हैं Your memories are stitched your promises a...

ख्याल /Khyal

जुलाई 18, 2021
लहज़े  में उनके कुछ नया अंदाज़ आया हैं लगता हैं उन्हें मेरा फिर से ख़्याल आया हैं इधर उधर देखकर नज़रे चुराती हुई मुझ से बोली  देखों तुम्हारी दह...

तेरा वजूद /Tera vajud

जुलाई 11, 2021
तेरा वजूद मेर लिए इतने मायने रखता हैं मेरे वीरान से ख़्वाबों को चमका देता हैं  आखों में ख़्वाब तुम्हारे हो तो  जीने के लाख बहाने बना देता हैं ...

विरासत /Virasat

जुलाई 11, 2021
विरासत  में नही मिला मुझे ये  हुनर   एक एक अल्फाज़ चुम कर लाया हूं  खानदानी  नही हैं ये  पेशा  मेरा  महज़ एक शौक  के खातिर इधर चला आया हूं  म...

अपने अल्फ़ाज़ /Apne alfaaz

जून 27, 2021
थोडा सा लिखा  हैं  पन्ना  लिखना अभी बाक़ी हैं ज़िंदगी हैं यारों  किताब  लिखना अभी बाक़ी हैं पढ़ चुका हूं मैं बहुत सी  रिवायती  किताबे  लेकिन ...

माज़ी की किताब /Mazi ki kitab

जून 26, 2021
सोचता हूं  माज़ी की किताब  को फिर से खोल लूं  जो लिखे थे कुछ अल्फाज़ उनकी याद में  उन्हें फिर से दोहरा लूं  माज़ी की किताब  में कुछ पन्ने ऐसे ...

रिश्ते /Rishtey

जून 26, 2021
रिश्ते  मुझे हर तरह से निभाने आते हैं  टूटते  रिश्तों  को मुझे बचाने आते हैं टूटने लगता हैं गर  रिश्ता  कोई मेरा  झुक कर मुझे उन्हें संभालने...

कच्चा मकान /Kaccha makan

जून 19, 2021
ये बारिश की बूंदे  मुझ से कुछ कहती हैं मुझे अपने पास बुलाती हैं ऐसा लगता हैं  मुझे अपने में  समाना  चाहती हैं मन तो मेरा भी बहुत करता हैं मै...

बंदिशें / Bandishe

जून 19, 2021
मुंतज़िर हूं मैं तुम्हारा  तुम जल्दी लौट कर आना  गरज़ते बादलों को देखकर  कहीं ठहर मत जाना  ये बादलों का गरजना  बिजलियों का चमकना  हवा के झोंके...

मुश्किलों में हँसने का हुनर / Mushkilon me hasne ka hunar

जून 19, 2021
मुश्किलों में मुस्कुराने का हुनर  जानता हूं मैं इसलिए  मुश्किलों  को खुद पर  हावी  नही होने देता हूं मैं चादर  हैं जितनी मेरी  ख़्वाब  उतने द...

तुम्हारे लिए /Tumhare liye

मई 08, 2021
सोचता हूं   किस तर्ज़ से लिखूं तुम्हारे लिए   या ठीक वैसे लिखूं जैसे तुम मुझे मिले थे   सोचता हूं   सुनहरे सुनहरे शब्दों में लिखूं तुम्हार...

ढलता सूरज /Dhalta suraj

मई 06, 2021
लिखना छोड़ दूं मैं  बाज़ नही आऊंगा  कोई ढलता सूरज हूं जो नदी  में डूब जाऊंगा  मुझे मालूम हैं  अज़ीयतें मेरे हक़ में लिखी जा सकती हैं मगर कोई ...

महज़ तुम / Mahaz tum

अप्रैल 30, 2021
मेरे एहसासों  का एक प्यारा सा एहसास  हो तुम  मेरे ख्यालों का एक खुबसूरत सा ख्याल हो तुम  मेरे ख्वाबों का मुकम्मल ख्वाब हो तुम  टूटे ख्वाबों ...

kora kagaz /कोरा कागज़

अप्रैल 03, 2021
मैंने हर्फों की शक्ल में तुम्हे लिख दिया हैं ख्यालों के दरिया से लफ़्ज़ों को निकालकर कोरे कागज़ पर बिखेर दिया हैं कोरा कागज़  हैं  खाली पन्ने ह...
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